Supreme Court issued circular stating that the week commencing from 16th November will be a week of miscellaneous cases.

राम नवमी के अवसर पर लखनऊ के राजकीय कन्या अनाथालय, राजकीय शिशु गृह तथा राजकीय महिला शरणालय में सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पौलोमी पाविनी शुक्ला द्वारा कन्या-पूजन किया गया। इस कार्य में उनके साथ उनकी माताजी आराधना शुक्ला IAS उनके पति प्रशांत शर्मा IAS भी उपस्थित थे। इन गृहों में कुल 96 बालिकाएं 11-18 वर्ष की आयु, 24 बालिकाएं 5-10 वर्ष की आयु, 42 शिशु 5 वर्ष से कम आयु के और 31 महिलाएं आवासित हैं। कन्या-पूजन के साथ-साथ पौलोमी पाविनी शुक्ला ने इन अनाथ लड़कियों को मिठाई, खान-पान की सामग्री तथा पिज़्ज़ा भी वितरित किए। इस कार्य में लखनऊ के श्शोभित अग्रवाल व बरेली के रोहित ने भी सहयोग किया।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 'रिपब्लिक टीवी' के टैगलाइन 'NEWS HOUR' के इस्तमाल करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने यह आदेश टाइम्स ग्रुप की याचिका पर दिया है, जो कि यह टैगलाइन उनके चैनल 'टाइम्स नाउ' के प्राइमटाइम डिबेट शो के लिए भ्रामक हो सकती है। हालांकि हाई कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी और उनकी कंपनी एआरजी आउटलेयर मीडिया प्रा. लि. को टैगलाइन "Nation Wants to KNOW" का इस्तेमाल करने से रोक नहीं लगाई

The Delhi High Court granted interim relief to “Times Now” news channel while restraining 'Republic TV' channel from using the tagline ‘NEWS HOUR’ or any other mark that may be deceptively similar to it for its prime time debate show.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बीमा करवाने के लिए बीमा का अनुबंध भरोसे पर आधारित होता है, जिसके लिए जीवन बीमा लेने वाले व्यक्ति के लिये यह दायित्व हो जाता है कि वह हर वैसी जानकारियों का खुलासा बीमा के आवेदन फार्म मे करे जिनका बीमा संबंधित मुद्दों पर किसी प्रकार का असर हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के फैसले को रद्द करते हुए टिप्पणी की कि जीवन बीमा के आवेदन फार्म में बीमा लेने वाले व्यक्ति के द्वारा अपनी पुरानी बीमारी की जानकारी छिपाना गलत होगा

कभी मीडिया की सकारात्मक भूमिका भी समझें

हाल हीं में एक टीवी चैनल “यूपीएससी जिहाद” शीर्षक से नौ एपिसोड की सीरियल दिखा रहा था, यह कहते हुए कि कुछ मुस्लिम संस्थाएं अपने लड़कों को प्रशासनिक सेवाओं में भेजने की “साजिश” कर रही हैं (लव-जेहाद की तरह जिसमें कहा जाता है कि मुसलमान लड़के, हिन्दू लड़कियों को फंसा कर शादी करते हैं और धर्म परिवर्तन भी) अपनी बात को इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म का नायब नमूना बता कर चैनल कह रहा था कि पिछले कुछ वर्षों में मुसलमान युवा ज्यादा तादात में आईएएस और आईपीएस बने हैं (हकीकत उलटी है),

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